से क्या नाता जुड़ गया है कि हम हर बार उसी के हो जाते हैं। से क्या नाता जुड़ गया है कि हम हर बार उसी के हो जाते हैं।
मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता! मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता!
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही रूठ जाए। निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही र...
सर पर सेहला दे फिर से प्यार वाला हाथ माँ तेरी याद बहुत आती है! सर पर सेहला दे फिर से प्यार वाला हाथ माँ तेरी याद बहुत आती है!
मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते। मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते।